NATO vs Russia: NATO से आमने-सामने की जंग के मूड में पुतिन, इन तीन देशों पर रूसी हमले खतरा बढ़ा, पढ़िए डिटेल
NATO vs Russia
Highlights
- नाटो संगठन ने पूर्वी यूरोप में हजारों सैनिक भेजे हैं
- ‘बाल्टिक देशों पर हमला करके इन्हें कब्जा सकते हैं पुतिन’
- एस्टोनिया में घुसा रूस का जंगी हेलिकॉप्टर
NATO vs Russia: यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे भीषण युद्ध के कारण नाटो देशों के साथ भी रूस का तनाव अब बढ़ता जा रहा है। रूस ने लड़ाई तेज कर दी है और वह लातविया, लिथुआनिया और एस्टोनिया पर हमला करके उन पर भी कब्जा करना चाहता है। यही नहीं, रूस स्वीडन के कुछ इलाकों को भी हथियाना चाहता है। दरअसल, NATO में शामिल होने को लेकर पुतिन स्वीडन को धमकी दे चुके हैं। यह खुलासा एक रूसी अधिकारी ने किया है। इस अधिकारी ने पुतिन के इरादों के बारे में खुलासा करते हुए कहा कि नाटो संगठन ने पूर्वी यूरोप में हजारों सैनिक भेजे हैं, जो रूसी सीमा के पास सैन्य अभ्यास कर रहे हैं। इसके चलते ये आशंका जताई जा रही है कि पुतिन इन बाल्टिक देशों पर हमला करके इन्हें कब्जा सकते हैं।
किन्हें कहा जाता है बाल्टिक देश?
बाल्टिक देश उन क्षेत्रों को कहते हैं, जिन्हें तत्कालीन रूस से पहले वर्ल्ड वार के समय स्वतंत्रता मिली थी। 1939 में जब दूसरा विश्वयुद्ध शुरू हुआ था, उस समय लातविया, लिथुआनिया और एस्टोनिया सोवियत संघ का हिस्सा बने। इससे पहले ये तीनों देश स्वतंत्र थे। जब 90 के दशक की शुरुआत में सोवियत संघ का विघटन हुआ, उसके बाद से फिर ये देश आजाद हो गए। ये तीनों बाल्टिक देश (लातविया, लिथुआनिया और एस्टोनिया) स्वतंत्र होने के बाद नाटो संगठन में शामिल हो गए थे। रूसी अधिकारी कोरोटचेंको ने पुतिन की मंशा को बताते हुए कहा कि कैसे बाल्टिक देशों पर कब्जा कुछ इस तरह से किया जा सकता है। रूसी अधिकारी ने एक मैप दिखाया, जिसमें नाटो सेना की तैनाती साफ दिख रही है। इसके बाद उन्होंने बताया कि कैसे रूस इन नाटो देशों पर हमले की रणनीति पर काम करेगा।
एस्टोनिया में घुसा रूस का जंगी हेलिकॉप्टर
नाटो सदस्य देश लिथुआनिया को धमकी देने के बाद अब रूस का जंगी हेलिकॉप्टर पहली बार एस्टोनिया देश की बॉर्डर के अंदर घुसा है। वहीं एस्टोनिया ने कहा है कि उसने हेलिकॉप्टर की घुसपैठ पर विरोध जताने के लिए रूस के राजदूत को तलब किया है। वैसे रूस इस इलाके में काफी सक्रिय है। उसने यहां अपने सैन्य अभ्यास के दौरान मिसाइल हमले का अभ्यास भी किया है।रूस ने यह कदम ऐसे समय पर उठाए हैं, जब नाटो देशों का बड़ा शिखर सम्मेलन होने जा रहा है। एस्टोनिया और लिथुआनिया दोनों की ही सीमा रूस से लगती है और दोनों ही नाटो के सदस्य देश हैं।